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लेखनी कहानी -18-Jun-2025

प्रेम की बंसी जब- जब बाजी,
राधे सुध बुध खो कर नाची ।

रास करत श्री कृष्ण मुरारी ,
राधे रानी लागे अति प्यारी ।

राधे संग नाचे बनवारी,
नमो नमो श्री कुंजबिहारी ।
 
राधे राधे 

कोमल खत्री,हज़ारीबाग (झारखण्ड)।

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